बहुत दिन से दिल में एक बात रुकी सी है!
बहुत दिन से दिल में ये कसक सी है!
तुम रूठ जाते तो हम मना भी लेते!
तुम तो बिना बताये हम से यूँ दूर हो गये!
तुम डाँट कर अपना हक़ जता भी लेते!
तुम तो बस यूँ ही शान्त हो गाए!
एक बार हम से कहा तो होता!
एक बार ये हाथ थाम कर तो देखते!
हम तो आज भी उसी राह पर खड़े हैं!
जहाँ से तुमने अपना रास्ता बदल लिए!
हम तो अब भी उस ग़लती की तलाश में हैं!
जिस ग़लती से तुम ने यह रूख कर लिया!
एक बार मुड़ के तो देख लेते!
हमारी साँस तो वहीं है थम गयी!
समय भी आगे बढ़ता रहा !
तुम भी आगे चलते रहे !
हम तो वहीं है थम गए !
जिस मोड़ पे तुम हम से ख़फ़ा हुए!
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